दो दिन की भारत यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद सहित कई मुद्दों पर द्विपक्षीय बातचीत हुई। इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बातचीत के दौरान ट्रम्प ने मोदी को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के प्रयासों की जानकारी भी दी। ट्रम्प ने बताया कि इमरान हर मुलाकात में मुझसे भारत-पाक के बीच मध्यस्थता के लिए कहते हैं, लेकिन मैंने साफ इनकार कर दिया। ट्रम्प 24-25 फरवरी को भारत यात्रा पर थे। इस दौरान उन्होंने अहमदाबाद में सवा लाख लोगों की सभा को संबोधित किया।
पाकिस्तान पर नजर बनाए रखिए
सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार यह समझती है कि अफगानिस्तान में चल रहे ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए अमेरिका को पाकिस्तान की जरूरत है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के पाकिस्तान पर लगाए गए प्रतिबंधों को जारी रखवाने के लिए भी दबाव बनाए रखने के लिए कहा। साथ ही पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई की मांग भी की। इस पर ट्रम्प ने कहा कि भारत आतंकी हमलों से बचने के लिए सक्षम है और आपको मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।
पहली बार टोटलाइजेशन एग्रीमेंट पर हुई बातचीत
सूत्रों के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि यह पहली बार है जब दो देशों के नेताओं ने टोटलाइजेशन एग्रीमेंट पर चर्चा की है। इसके तहत अमेरिका में रहने वाले भारतीय, जो वहां सोशल सिक्योरिटी फंड में सैलरी का एक निश्चित हिस्सा जमा करते हैं, उन्हें देश वापसी पर यह रकम मिल सकेगी। करीब 863 हजार करोड़ से भी ज्यादा रकम अमेरिका में काम करने वाले भारतीय प्रोफेशनल जमा कर चुके हैं, लेकिन अभी देश वापसी पर उन्हें यह राशि वापस नहीं मिलती। अमेरिका का सोशल सिक्योरिटी फंड भारत के प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) की तरह है, जिसमें हर कर्मचारी से उसकी सैलरी का निश्चित हिस्सा लिया जाता है। सूत्रों के मुताबिक ट्रम्प ने कहा कि यह मामला उनके सामने पहली बार आया है। वह इस मसले पर विचार करेंगे।
पाकिस्तान पर नजर बनाए रखिए
सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार यह समझती है कि अफगानिस्तान में चल रहे ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए अमेरिका को पाकिस्तान की जरूरत है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के पाकिस्तान पर लगाए गए प्रतिबंधों को जारी रखवाने के लिए भी दबाव बनाए रखने के लिए कहा। साथ ही पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई की मांग भी की। इस पर ट्रम्प ने कहा कि भारत आतंकी हमलों से बचने के लिए सक्षम है और आपको मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।
पहली बार टोटलाइजेशन एग्रीमेंट पर हुई बातचीत
सूत्रों के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि यह पहली बार है जब दो देशों के नेताओं ने टोटलाइजेशन एग्रीमेंट पर चर्चा की है। इसके तहत अमेरिका में रहने वाले भारतीय, जो वहां सोशल सिक्योरिटी फंड में सैलरी का एक निश्चित हिस्सा जमा करते हैं, उन्हें देश वापसी पर यह रकम मिल सकेगी। करीब 863 हजार करोड़ से भी ज्यादा रकम अमेरिका में काम करने वाले भारतीय प्रोफेशनल जमा कर चुके हैं, लेकिन अभी देश वापसी पर उन्हें यह राशि वापस नहीं मिलती। अमेरिका का सोशल सिक्योरिटी फंड भारत के प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) की तरह है, जिसमें हर कर्मचारी से उसकी सैलरी का निश्चित हिस्सा लिया जाता है। सूत्रों के मुताबिक ट्रम्प ने कहा कि यह मामला उनके सामने पहली बार आया है। वह इस मसले पर विचार करेंगे।